• लम्बे समय से बीमार चल रहे दादा जी की तबियत अचानक ही बहुत …

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  • एक सन्त थे ,जो एक छोटे आश्रम का संचालन करते थे ! एक  दिन पास के ही रास्ते से एक राहगीर को पकड़ करके अन्दर ले आये ! और शिष्यों …

  • लम्बे समय से बीमार चल रहे दादा जी की तबियत अचानक ही बहुत अधिक बिगड़ गयी. दादी का बहुत पहले ही देहांत हो चुका था, बड़ा बेटा उनकी देखभाल करता …

  • शहर से कुछ दूरी पर बसे एक मोहल्ले में रुचिका अपने हस्बैंड के साथ रहती थी. उसके ठीक बगल में एक बुजर्ग व्यक्ति अकेले ही रहा करते थे, जिन्हें सभी …

  • मोबाइल की स्क्रीन पर बेटे का नाम उभरते ही सावित्री चौंक गई। सालों बीत गए थे, बेटे ने सिर्फ औपचारिक बातें की थीं… वो भी फोन पर, जब उसके पिता …

  • रामू अपने काम में बहुत होशियार होने के बावजूद बड़ा ही आलसी था। जब देखो आलस के मारे सोता रहता था। उसकी इस आदत से उसकी पत्नी चंदा बड़ी दुखी …

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    “तभी तो”

    by Admin
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    (बुंदेली लोककथा पर आधारित) एक साधु बाबा विचरण करते हुए एक नगरी में आ पहुंचे। उन्होंने देखा की यहां की प्रजा बहुत संपन्न और खुशहाल है और अपने राजा का …