लखनऊ के चौक इलाक़े में #दही बड़े की बड़ी एक दुकान थीं, वह दुकान ख़ूब चलती थी। दुकानदार का एक दोस्त मुंबई से आया उसने दुकानदार से कहा तुम अगर हमारे साथ मुंबई चलो वहाँ हमारे पास दुकान है वहाँ तुम आपने दही बड़े बेचो जो भी मुनाफ़ा होगा हम दोनो आधा आधा बाँट लेंगे।
दुकान हमारी माल तुम्हारा दुकानदार राज़ी हो गया और वो मुंबई चला गया कुछ दिनों के बाद पुरे मुंबई की सबसे मशहूर दुकान हो गई दोनो दोस्त बहुत अमीर हो गये, मुंबई वाले दोस्त ने सोचा क्यों ना हम इसकी रेसिपी पता करले फिर तो इसकी कोई ज़रूरत नहीं होगी सारा मुनाफ़ा मेरा हो जाएगा ।
उसने देखा की जब वो दही बड़ा बनाने के लिए समान लाता है तो उसमें नीबू भी लाता है कुछ दिनों के बाद उसने कहा की अब हम तुम्हारे साथ काम नही करेंगे तुम लखनऊ वापस चले जाओ वो बहुत निराश होकर चला गया दूसरे दिन मुंबई वाले ने ख़ुद दही बड़े बनाया उसके ऊपर ख़ूब नीबू निचोड़ा दिया जो भी ग्राहक दही बड़ा खाय वो गालियाँ दे ओर पैसे भी ना दे दुकान बंद हो गई।
फिर एक दिन उसने लखनऊ वाले दोस्त को फ़ोन किया ओर उससे माफ़ी माँगी ओर पूरी बात बताई तब लखनऊ वाले ने कहा “मैं जानता था की तुम मेरे साथ धोखा करोगे इस लिये मैं रोज़ नीबू लाता था ओर उसका रस निकाल कर नाली में बहा देता था तुमको लगा की मैं नीबू दही बड़े में डालता हूँ”
इसलिये दोस्ती में कभी किसी दोस्त का दिल मत दुखाना या किसी दोस्त के साथ दगा मत करना।सच्चा दोस्त तो भगवान की दी अनमोल धरोहर होता है, और आजकल तो जल्दी से मिलता भी नही है।